प्राचीन भारत में धर्मों का इतिहास

जैन धर्म
संस्थापक एवं प्रथम तीर्थंकर-ऋषभदेव
पार्श्वनाथ- 23वें तीर्थंकर, काशी के इक्ष्वाकु वंश के राजा अश्वसेन के पुत्र
महावीर स्वामी - 24वें तीर्थंकर
जन्म- 540 ई.पू.,कुण्डलग्राम (वैशाली)
पिता-सिद्धार्थ, माता-त्रिशला
पत्नी- यशोदा, पुत्री- अनोज्जा प्रियदर्शनी
बचपन का नाम-वर्द्धमान
नंदिवर्धन- बड़े भाई
प्रथम अनुयायी-जामिल (प्रियदशिनी के पति)
मृत्यु (निर्वाण)- 468 ई.पू. पावापुरी (राजगीर), बिहार
महावीर ने अपना उपदेश प्राकृत (अर्धमागधी) में दिया।
जैन धर्म में त्रिरत्न हैं- सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, सम्यक आचरण
बाहुबलि की मूर्ति (गोमतेश्वर की मूर्ति)- श्रवणबेलेगोला (कर्नाटक)
खजुराहो में र्जैन मंदिरों का निर्माण चंदेल शासकों द्वारा किया गया।
                                                               बौद्ध धर्म
 
बुद्ध को एशिया का ज्योति पुंज कहा जाता है।
जन्म- 563 ई.पू, कपिलवस्तु (लुम्बिनी)
बचपन का नाम- सिद्धार्थ
पिता- शुद्धोधन
माता- मायादेवी, पालक माता- गौतमी
पत्नी -यशोधरा, पुत्र राहुल
प्रथम गुरू- आलारकालाम
प्रथम उपदेश (धर्मचक्रप्रवर्तन)- सारनाथ (ऋषिपतनम्)
मृत्यु (महापरिनिर्वाण)- कुशीनारा (देवरिया, उत्तरप्रदेश)
महाभिनिष्क्रमण (गृह-त्याग)- 29 वर्ष की आयु में।
बोधगया- ज्ञान-प्राप्ति
बुद्ध ने अपने उपदेश पालि भाषा में दिये।
बौद्ध धर्म के बारे में विशद ज्ञान हमें पालि त्रिपिटक से प्राप्त होता है।
बौद्ध धर्म के त्रिरत्न - बुद्ध, धम्म एवं संघ।
चतुर्थ बौद्ध संगति (कनिष्क के शासनकाल) में बौद्ध धर्म दो शाखाओं में हीनयान और महायान में बँट
गया।
                                                शैव धर्म
ऋगवेद में शिव के लिए रूद्रनामक देवता का उल्लेख है।
लिंग पूजा का पहला स्पष्ट वर्णन मत्स्यपुराणमें मिलता है।
वामन पुराण में शैव संप्रदाय की संख्या चार बतायी गयी है
1.पाशुपत 2.कालामुख 3.कापालिक 4.लिंगायत
पाशुपत सम्प्रदाय शैवों का सर्वाधिक प्राचीन सम्प्रदाय है। इसके संस्थापक लकुलीश थे।
पाशुपत सम्प्रदाय के अनुयायियों को पंचार्थिक कहा गया है। इस मत का प्रमुख सैद्धांतिक ग्रंथ पाशुपत सूत्र है।
कापालिक सम्प्रदाय के इष्टदेव भैरव थे। इस सम्प्रदाय का प्रमुख केन्द्र श्री शैल नामक स्थान था।
कालामुख सम्प्रदाय के अनुयायियों को शिवपुराण में महाव्रतधर कहा गया है।
लिंगायत सम्प्रदाय दक्षिण में प्रचलित था। इन्हें जंगम भी कहा जाता है।
बसव पुराण में लिंगायत सम्प्रदाय के प्रवर्तक अल्लभ प्रभु को तथ्ज्ञा उनके शिष्य बासव को बताया जाता है। इस संप्रदाय को वीरशिव संप्रदाय भी कहा जाता है।
दसवीं शताब्दी में मत्स्येंद्रनाथ ने नाथ सम्प्रदाय की स्थापना की थी।
ऐलोरा के प्रसिद्ध कैलाश मंदिर का निर्माण राष्ट्रकूटों ने करवाया।
चोल शासक राजराज प्रथम ने तंजौर के राजराजेश्वर मंदिर का निर्माण करवाया था। जिसे बृहदीश्वर मंदिर भी कहा जाता है।
कुषाण शासकों की मुद्राओं पर शिव एवं नंदी का एक साथ्ज्ञ अंकन पाया जाता है।
इस्लाम धर्म
हजरत मुहम्मद साहब का जन्म 570 ई. में मक्का में हुआ था।
हजरत मुहम्मद साहब के पिता का नाम अब्दुल्ला और माता का नाम जबीना था।
हजरत मुहम्मद साहब की मृत्यु 8 जून 632 ई.पू. को हुई। इन्हें मदीना में दफनाया गया।
सुन्नापैगम्बर मोहम्मद साहब के कार्यों तथा कथनों का विवरण है।
पैगम्बर मुहम्मद साहब के उत्तराधिकारी खलीफा कहलाए।
इस्लाम जगत में खलीफा पद 1924 ई. तक रहा। 1924 ई. में इसे तुर्की के शासक मुस्तफा कमाल पाशा ने समाप्त कर दिया।
मुहम्मद साहब के जन्मदिवस को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी पर्व के रूप में मनाया जाता है।
 
 
 
 
 
 
कर दिया।
 
                       
 
 कर  दिया।